
इन्वर्टर से जुड़े खतरे सही जगह चुनना क्यों है जरूरी
घर में बिजली कटौती की समस्या के चलते इन्वर्टर की मांग लगातार बढ़ रही है। अक्सर लोग इन्वर्टर को आसानी से कहीं भी, विशेषकर घर के भीतर रख देते हैं। हालांकि, इंडोर इन्वर्टर इंस्टॉलेशन से जुड़ी कई स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी खतरे हो सकते हैं जिनकी अनदेखी भारी पड़ सकती है।
इन्वर्टर की इंडोर इंस्टॉलेशन के नुकसान
- इलेक्ट्रिक शॉक और हादसे:
ताज़ा मामलों में कई घटनाएं सामने आई हैं जहाँ गलत इंस्टॉलेशन या साफ-सफाई करते वक्त इन्वर्टर से करंट लगने की वजह से मौतें हुई हैं। हाल ही में गाजियाबाद में एक रेस्टोरेंट संचालक की इन्वर्टर को साफ करते वक्त करंट लगने से मौत हो गई। विशेषज्ञों के अनुसार, इन्वर्टर में डीसी करंट होता है, परंतु अगर एसी तार बैटरी से टच हो जाए या वायरिंग में गड़बड़ी हो, तो “शॉर्ट सर्किट” जैसी स्थिति खतरनाक बन सकती है। - वेंटिलेशन की कमी:
इंडोर इन्वर्टर अक्सर बंद या कम हवादार स्थानों पर रख दिए जाते हैं, जिससे गर्मी बढ़ जाती है। ज्यादा तापमान इन्वर्टर की कार्यक्षमता घटा सकता है और ओवरहीटिंग से आग लगने की घटनाएं भी दर्ज की गई हैं। - फायर रिस्क:
इन्वर्टर के आस-पास धूल, धुआं, या ज्वलनशील सामान रखने से शॉर्ट सर्किट एवं आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।

BIS मानकों व सरकारी गाइडलाइंस की अहमियत
भारत में इन्वर्टर निर्माण और इंस्टॉलेशन के लिए BIS (Bureau of Indian Standards) की सख्त सुरक्षा गाइडलाइंस हैं। एक्सपर्ट्स का साफ कहना है कि लोकल या बिना BIS सर्टिफिकेशन वाले इन्वर्टर जानलेवा साबित हो सकते हैं।

इन्वर्टर के इंस्टॉलेशन के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थान
- हमेशा छायायुक्त, हवादार और सूखे स्थान को चुनें।
- बाथरूम, किचन या नमी वाली जगहों से दूर रखें।
- बैटरी को हमेशा ऊँचाई पर रखें, ताकि केमिकल का रिसाव इन्वर्टर तक न पहुँचे।
- इलेक्ट्रिक पैनल के पास रखना उपयुक्त है ताकि वायरिंग छोटी रहे और पावर लॉस कम हो।
हाल की घटनाएं और आंकड़े
यूपी के गाजियाबाद में रेस्तरां संचालक नितिन कश्यप की इन्वर्टर साफ करते वक्त करंट से मौत हो गई। डोमेस्टिक इन्वर्टर से जुड़े ऐसे हादसों में भारत में हर साल कई जानें जाती हैं। Dainik Bhaskar की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में 12 साल के बच्चे की भी इन्वर्टर बैटरी से करंट लगने के कारण मौत हो गई थी।
राष्ट्रीय स्तर पर इलेक्ट्रिक शॉक से रोज़ाना औसतन 30 लोगों की मृत्यु होती है, जिनमें इन्वर्टर और अन्य घरेलू इलेक्ट्रिक उपकरण भी शामिल हैं।

सेफ्टी टिप्स
- सफाई या मेंटेनेंस से पहले इन्वर्टर को मुख्य पावर और बैटरी से डिस्कनेक्ट करें।
- केवल BIS सर्टिफाइड इन्वर्टर और बैटरियों का उपयोग करें।
- इंस्टॉलेशन और रिपेयर हमेशा ट्रेंड प्रोफेशनल से कराएं।
- बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से इन्वर्टर और बैटरी को दूर रखें।
आगे क्या हो सकता है?
भारत सरकार ने सोलर व पावर इन्वर्टर की मिलीभगत से बढ़ते सुरक्षा एवं साइबर सुरक्षा खतरे को देखते हुए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। आगामी समय में कड़े सुरक्षा मानकों के लागू होने की संभावना है, जिससे इंस्टॉलेशन लोकेशन एवं उपकरणों की क्वालिटी जांच अधिक सख्त होगी।

स्वास्थ्य पर संभावित असर
एक्सपर्ट्स के अनुसार, इन्वर्टर से निकलने वाला इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन बेहद कम होता है, लेकिन लंबी अवधि तक नजदीक रखने या सोने की जगह के बगल में रखने से बचना चाहिए।
निष्कर्ष
इन्वर्टर आज हर घर की जरूरत बन चुके हैं, लेकिन सुरक्षा नियमों को अनदेखा करना भारी पड़ सकता है। सही स्थान, सुरक्षित इंस्टॉलेशन, और उचित मेंटेनेंस से कई तरह की दुर्घटनाओं और नुकसान से बचा जा सकता है।
FAQ Section
Q1. इन्वर्टर को कहां रखना सबसे सुरक्षित है?
A1. छायायुक्त, हवादार, सूखा स्थान चुनें और इलेक्ट्रिक पैनल के पास रखें। बाथरूम, किचन या बंद अलमारी में न रखें।
Q2. क्या इंडोर इन्वर्टर से स्वास्थ्य को खतरा है?
A2. सामान्य तौर पर खतरा नहीं, लेकिन वेंटिलेशन की कमी, ओवरहीटिंग या इलेक्ट्रिक शॉक जैसी परिस्थितियों में जोखिम बढ़ जाता है।
Q3. सफाई करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
A3. इन्वर्टर एवं बैटरी को मेन लाइन से अलग करें और पूरी तरह सूखे हाथों से सफाई करें। बच्चों को आसपास न रहने दें।
Q4. BIS सर्टिफाइड इन्वर्टर क्यों जरूरी है?
A4. इनमें सुरक्षा के मानकों का खास ध्यान रखा जाता है, जिससे शॉक व शॉर्ट सर्किट का खतरा कम होता हैै।
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