
परिचय (Swamitva Yojna)
Swamitva Yojna ग्रामीण भारत की एक महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत ड्रोन और जीआईएस तकनीक से गांव की आबादी वाले क्षेत्र का सर्वे किया जाता है और वहां के संपत्ति मालिकों को कानूनी संपत्ति कार्ड (स्वामित्व कार्ड) दिया जाता है।
यह कार्ड ग्रामीणों के लिए न सिर्फ़ कानूनी स्वामित्व का प्रमाण होता है, बल्कि बैंक लोन लेने और वित्तीय सुरक्षा का आधार भी बनता है।
मुख्य उद्देश्य (Main Objectives)
गांवों की जमीन का सटीक रिकॉर्ड तैयार करना।
भूमि विवादों को कम करना।
ग्रामीणों को अपनी संपत्ति को वित्तीय संपत्ति की तरह इस्तेमाल करने की सुविधा देना।
संपत्ति कर का निर्धारण और ग्राम पंचायतों की आय को मजबूत करना।
जीआईएस नक्शों से बेहतर ग्राम पंचायत विकास योजना बनाना।

Swamitva Yojna 2025 — Latest अपडेट
अब तक 3.17 लाख गांवों का ड्रोन सर्वे पूरा हो चुका है।
2.25 करोड़ से अधिक संपत्ति कार्ड तैयार हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने 2025 की शुरुआत में 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए।
10 राज्य और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में लाभार्थियों को कार्ड मिले हैं।
मध्यप्रदेश में ही 15.63 लाख लोगों को संपत्ति कार्ड बांटे गए।
योजना के लाभ (Benefits)
ग्रामीणों को कानूनी स्वामित्व प्रमाणपत्र मिलता है।
संपत्ति कार्ड से बैंक लोन आसानी से मिल सकता है।
महिलाओं को भी संपत्ति कार्ड दिए जा रहे हैं, जिससे महिला सशक्तिकरण हो रहा है।
ग्राम पंचायत की योजना और विकास कार्य बेहतर हो रहे हैं।
डिजिटल रिकॉर्ड होने से विवाद और भ्रष्टाचार कम हो रहे हैं।

पात्रता (Eligibility)
- केवल गांव के आबादी क्षेत्र (Abadi Area) की संपत्ति को शामिल किया गया है।
- खेती की जमीन (Agricultural Land) इसमें शामिल नहीं है।
- जहां भी ड्रोन सर्वे होगा, वहां के मकान/जमीन मालिक को Swamitva Yojna कार्ड मिलेगा।
आवेदन प्रक्रिया (Application Process)
ऑनलाइन आवेदन
- आधिकारिक वेबसाइट:
- eGramSwaraj पोर्टल egramswaraj.gov.in
- Swamitva पोर्टल svamitva.nic.in
स्टेप्स:
- पोर्टल खोलें और ‘नया पंजीकरण (New Registration)’ पर क्लिक करें।
- नाम, पता, मोबाइल, ईमेल और जमीन की जानकारी (ULPIN/खसरा नंबर) भरें।
- सबमिट करने के बाद आपको रसीद/आवेदन नंबर SMS या ईमेल पर मिल जाएगा।
- आगे की प्रक्रिया (ड्रोन सर्वे, नक्शा बनाना, सत्यापन, कार्ड वितरण) सरकार की टीम करती है।
ऑफलाइन आवेदन
- अपने गांव की ग्राम पंचायत या राजस्व विभाग (पटवारी/तहसीलदार) से संपर्क करें।
- सर्वे के दौरान ग्राम सभा बुलाई जाती है जिसमें लोगों को जानकारी दी जाती है।
- अगर किसी को सर्वे या जमीन के रिकॉर्ड में गलती लगती है तो वह वहीं पर आपत्ति दर्ज करा सकता है।

जरूरी दस्तावेज़
- पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस आदि)
- संपत्ति से जुड़े दस्तावेज़ (पुरानी रसीद, कर रसीद, खसरा नंबर आदि)
- पता प्रमाण (राशन कार्ड, बिजली बिल आदि)
- मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
कुल आकलन (2025 की स्थिति)
मापदंड | उपलब्धि (2025 तक) |
---|---|
सर्वे हुए गांव | 3.17 लाख |
तैयार संपत्ति कार्ड | 2.25 करोड़+ |
वितरित कार्ड | 65 लाख+ |
राज्यों/क्षेत्रों की पहुँच | 10 राज्य +2 केंद्र शासित प्रदेशों (उदा. MP, UP आदि) |
मध्य-प्रदेश विशेष | 15.63 लाख लाभार्थियों तक वितरण |
निष्कर्ष (Conclusion)
Swamitva Yojna 2025 ने गांवों में संपत्ति का सही रिकॉर्ड बनाकर वित्तीय सशक्तिकरण और विवाद समाधान दोनों का रास्ता आसान कर दिया है।
अब हर ग्रामीण के पास कानूनी संपत्ति कार्ड होगा, जिसे वह बैंक, सरकारी योजना और विकास कार्यों में उपयोग कर सकेगा। यह योजना वास्तव में ग्रामीण भारत के लिए एक डिजिटल संपत्ति क्रांति है।
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