टेक-ऑफ और लैंडिंग के वक्त हादसों का खतरा ज्यादा होता है। लाइट्स धीमी करके पैसेंजर्स की आंखें अंधेरे में एडजस्ट हो जाती हैं
कम रोशनी से बाहर का माहौल साफ दिखता है ताकि इमरजेंसी में पैसेंजर्स तेजी से बाहर निकल सकें
बाहर रनवे की लाइट्स और संकेत साफ दिखाने के लिए अंदर की लाइट्स कम की जाती हैं
अगर पावर फेल हो जाए तो पैसेंजर्स को अंधेरे में तुरंत विज़न मिल सके
क्रू को बाहर का माहौल और रनवे दिखता है ताकि वे यात्रियों को सही गाइड कर सकें
यह हर एयरलाइन की सेफ्टी प्रोटोकॉल का हिस्सा है, दुनिया भर में फॉलो किया जाता है
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