नाम की कहानी

क्या आप जानते हैं रूह अफजा नाम का मतलब है रूह को ताज़गी देने वाला  इसे हकीम अब्दुल मजीद ने 1906 में नाम दिया था

1906 की शुरुआत

दिल्ली में 1906 में एक छोटे हकीमी क्लिनिक से शुरू हुआ यह शरबत आज पूरे एशिया में मशहूर है

यूनिक फ़ॉर्मूला

रूह अफजा में 30 से ज्यादा जड़ी-बूटियाँ, फूल और फल हैं। यही इसकी असली ताकत है

क्यों कोई नहीं बना पाया?

कई कंपनियों ने कॉपी करने की कोशिश की, लेकिन असली रूह अफजा जैसा स्वाद कोई नहीं ला पाया

हर मौसम का साथी

गर्मियों में ठंडा, सर्दियों में दवा—रूह अफजा हर मौसम में फिट बैठता है

त्योहार और रूह अफजा

रमज़ान से लेकर होली तक, हर त्योहार में रूह अफजा का गिलास ज़रूरी है

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