कंपनी ने 20 लाख रुपये सालाना पैकेज ऑफर किया, लेकिन सही टैलेंट नहीं मिल पाया।
कुल 12,000 लोगों ने जॉब के लिए आवेदन किया, लेकिन रिजल्ट उम्मीद के उलट निकला।
ज्यादातर उम्मीदवार बेसिक स्किल्स में भी कमजोर पाए गए, इंटरव्यू में फेल हुए।
कई के पास डिग्रियां थीं, लेकिन प्रैक्टिकल नॉलेज और स्किल्स की भारी कमी दिखी।
कंपनी को उम्मीद थी कि मोटी सैलरी पर अच्छे टैलेंट मिलेंगे, पर निराशा हाथ लगी।
यह स्थिति शिक्षा और ट्रेनिंग सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
ये घटना बताती है कि डिग्री के बजाय स्किल्स ही असली करियर का आधार हैं।