पारंपरिक कारीगरों और शिल्पियों को सरकारी सहयोग और पहचान देना।
केवल पारंपरिक कामगार व कारीगर (जैसे लोहार, बढ़ई, सुनार, कुम्हार) रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
₹15,000 तक टूलकिट इंसेंटिव, कौशल प्रशिक्षण, आसान लोन और सरकारी पहचान पत्र।
CSC (Common Service Center) या ऑनलाइन पोर्टल पर आधार कार्ड और पहचान पत्र से आवेदन।
योजना के तहत कारीगरों को नए जमाने की स्किल्स का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
पंजीकृत कारीगरों को सरकारी पहचान पत्र मिलेगा, जिससे उन्हें नए अवसर मिलेंगे।