गोपिका गोविंद का बचपन गरीबी में बीता, लेकिन उसने अपने सपनों को कभी छोटा नहीं किया
दिहाड़ी मजदूर की बेटी होने के बावजूद उसने मेहनत और पढ़ाई से हार नहीं मानी
कठिन हालात में भी गोपिका ने अपनी पढ़ाई को ही अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया
गोपिका का सपना था आसमान में उड़ना और लोगों की सेवा करना
कठिन परिश्रम और लगन के बाद गोपिका आज एयर होस्टेस बन गईं
आज गोपिका की सफलता लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है