भारतीय खिलौने अपनी कला, संस्कृति और नये डिज़ाइन से विश्व बाज़ार में छा रहे हैं।
वोकल फॉर लोकल’ अभियान ने खिलौना उद्योग को नई उड़ान दी है।
खिलौना उद्योग में स्टार्टअप और उद्यमियों के लिए नए मौके खुल रहे हैं।
भारतीय खिलौने अब अमेरिका, यूरोप और एशिया तक निर्यात हो रहे हैं।
प्लास्टिक की जगह लकड़ी और पर्यावरण अनुकूल खिलौनों की मांग बढ़ रही है।
सरकारी नीतियाँ और PLI योजना खिलौना उद्योग को मज़बूत बना रही हैं।
भारत का खिलौना बाज़ार 2030 तक ग्लोबल इंडस्ट्री में बड़ा मुकाम हासिल करेगा।