महीनों तक स्पेस में रहने के बाद सुनीता विलियम्स सुरक्षित धरती पर लौटी हैं।
अंतरिक्ष में लंबे समय तक वज़नहीनता में रहने से शरीर की मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं।
धरती पर गुरुत्वाकर्षण से चलना कठिन हो जाता है क्योंकि मांसपेशियाँ स्पेस में ढीली हो चुकी होती हैं।
स्पेस में हड्डियों की घनत्व कम हो जाता है, जिससे शरीर में थकान और कमजोरी आती है।
लंबे समय तक स्पेस में रहने से दिल पर भी असर पड़ता है और ब्लड फ्लो धीमा हो सकता है।
धरती पर लौटने के बाद अंतरिक्ष यात्री महीनों तक फिजियोथेरेपी और ट्रेनिंग से ठीक होते हैं।
चुनौतियों के बावजूद सुनीता विलियम्स युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान की प्रेरणा देती रहती हैं।
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