सांप की जीभ बीच से कटी होती है ताकि वे आसपास की गंध और दिशा को सही पहचान सकें।
दो भाग में बंटी जीभ सांप को हवा में मौजूद सूक्ष्म गंधों को पकड़ने में मदद करती है।
जीभ का हर हिस्सा अलग-अलग दिशा से गंध लेकर शिकार की सही जगह बताता है।
सांप अपनी दोमुंही जीभ से आसपास के खतरे और शिकारी की दिशा का पता लगाता है।
सांप के पास इंसानों जैसी नाक काम नहीं करती, इसलिए जीभ ही उनकी 'नाक' बनती है।
वैज्ञानिकों के शोध से पता चला है कि सांप की जीभ दिशा सूचक यंत्र की तरह काम करती है।
दोमुंही जीभ प्रकृति का अनोखा रहस्य है, जिससे सांप जंगल में आसानी से जी पाते हैं।