
भारत में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) एक्ट लागू
भारत सरकार ने Digital Personal Data Protection Act, 2023 (DPDP Act) के नियम आधिकारिक रूप से लागू कर दिए हैं। यह देश का पहला समर्पित डिजिटल प्राइवेसी कानून है, जो कंपनियों एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कड़ी निगरानी और जवाबदेही लाता है। इसके अधीन कंपनियों को उपयोगकर्ता से स्पष्ट सहमति लेना, डेटा सुरक्षित रखना और डेटा उल्लंघन की स्थिति में त्वरित रिपोर्टिंग करना होगा।
प्रमुख नियम और प्रावधान
- कंपनियां अब पर्सनल डेटा संग्रहण से पहले साफ और जानकारीपूर्ण कंसेंट लेंगी, जिसे उपयोगकर्ता कभी भी वापस ले सकते हैं।
- बच्चों का डेटा प्रोसेस करने के लिए वेरिफाएबल पैरेंटल कंसेंट अनिवार्य होगा।
- डेटा सुरक्षा में एन्क्रिप्शन, मास्किंग, मॉनिटरिंग जैसे तकनीकी उपाय लागू होंगे।
- डेटा लीक की स्थिति में 72 घंटे में यूजर और डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड को सूचित करना होगा।
- बड़ी कंपनियों को हर साल डेटा सुरक्षा ऑडिट, इम्पैक्ट असेसमेंट, और एल्गोरिदम समीक्षा करनी होगी ताकि यूजर अधिकार सुरक्षित रहें।
- यूजर्स को डेटा एक्सेस, करेक्शन, डिलीट और ट्रैकिंग का अधिकार मिलेगा।
- 3 साल तक न उपयोग किए गए यूजर डेटा को हटा दिया जाएगा और उससे पहले 48 घंटे का नोटिस दिया जाएगा।
- क्रॉस-बॉर्डर डेटा ट्रांसफर पर सख्त नियंत्रण होंगे, कुछ संवेदनशील डेटा बाहर भेजना सीमित होगा।
चरणबद्ध लागू होना
कुछ नियम तुरंत लागू होंगे और बाकी नियमों को पूरी तरह अपनाने के लिए कंपनियों को 12-18 महीने का अवधि दी गई है। इससे कंपनियां अपने सिस्टम सुधारने और अनुपालन सुनिश्चित करने में सक्षम होंगी।
पर प्रभाव
यह कानून भारत के डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र में पारदर्शिता बढ़ाने, यूजर-केंद्रित नियंत्रण स्थापित करने और कंपनियों को डेटा सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार बनाने में मदद करेगा। यह विशेष रूप से सामाजिक मीडिया, ई-कॉमर्स और ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स के कार्य को प्रभावित करेगा।
FAQ Section
Q1. DPDP एक्ट का उद्देश्य क्या है?
A1. यह एक्ट डिजिटल पर्सनल डेटा की सुरक्षा और उपयोगकर्ताओं के डेटा अधिकारों की रक्षा करता है।
Q2. कौन-कौन सी कंपनियां DPDP नियमों के अंतर्गत आती हैं?
A2. बड़ी सोशल मीडिया, ई-कॉमर्स और गेमिंग कंपनियां, खासकर जिनके यूजर बेस करोड़ में हैं, इस अधिनियम के तहत आती हैं।
Q3. यूजर अपने डेटा पर कौन-कौन से अधिकार रखता है?
A3. यूजर को डेटा एक्सेस, सुधार, हटा और ट्रैक करने का अधिकार दिया गया है।
Q4. DPDP एक्ट का उल्लंघन करने पर क्या दंड हैं?
A4. उल्लंघन पर भारी जुर्माने, जैसे बच्चों के डेटा संरक्षण न करने पर 200 करोड़ रुपये तक, और अन्य सुरक्षा उल्लंघन पर 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
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